ऐसा माना जाता है जिंदगी गलतियों का पुतला होता है। अक्सर लोगों से गलतियां होती रहती हैं। लेकिन गलतियां सिर्फ उन लोगों से होती है जो काम करते हैं। निठल्ले पड़े रहने से कोई गलतियां नहीं होती बल्कि लाइफ ही पूरी बर्बाद हो जाती है। आज मैं एक ऐसी गलती के बारे में इस लेख के माध्यम से बताने जा रहा हूं। उस गलती ने मेरी जिंदगी को पूरी तरह से तहस-नहस कर के रख दिया। हालांकि काम करने से गलतियां हो तो उन्हें माफ किया जा सकता है। किंतु जानबूझकर की गई गलती माफ करने के योग्य नहीं होती है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ।
मैंने भी एक ऐसी बड़े गलती की जिसे वास्तव में माफ नहीं किया जा सकता। आज मैं उस एक बड़ी गलती के बारे में ही आपको विस्तार से बताने जा रहा हूं।आज भी मुझे वह मनहूस दिन याद है। दो बच्चों के साथ पत्नी और मैं बड़े ही मस्ती के साथ जिंदगी जी रहा था लेकिन वह शुक्रवार का दिन मेरे लिए काफी मनहूसियत भरा था।
शाम के लगभग 6 बजे के करीब मेरे पास शुक्ला जी का फोन आया। शुक्ला जी मेरे घर के पास ही मेन रोड पर खड़े हुए थे। उन्होंने मुझे बुलाया कि थोड़ी देर के लिए जरा रोड पर आ जाइए। मैं रोड पर गया तो गाड़ी में जाकर देखा शुक्ला जी और मेरा एक साला भी गाड़ी में बैठा हुआ था। उन लोगों ने मुझसे कहा आओ जीजा जी चल कर थोड़ी सैर करते हैं। मैंने उस समय सिर्फ एक हल्की सी टीशर्ट और लोअर पहना हुआ था। दोनों लोग गाड़ी को ले जाकर पहले तो थोड़ा घूमाते रहे लेकिन फिर एक बियर के ठेके के पास जाकर गाड़ी खड़ी कर दी। उन लोगों ने तीन बीयर खरीदी।
मैंने उनसे पूछा कि तुम तो दो लोग हो तो यह तीन बीयर क्यों खरीदी हैं। उन्होंने कहा एक बियर आपके लिए है। मैंने कहा नहीं भाई मैं इन चीजों को छूता तक नहीं हूँ लेकिन काफी देर तक वह दोनों जिद करते रहे। इसके बाद मैंने काफी सोचा मेरे समझ में कुछ नहीं आ रहा था। आखिर मैं उनकी बात पर तैयार हो गया और मैंने जिंदगी में पहली बार बियर का स्वाद चखा।
इसके बाद शुक्ला जी जब भी मुझे मिलते तब एक छोटी सी बीयर पार्टी हो जाती हालांकि मैं यह सब नहीं पसंद करता था। धीरे धीरे मैंने शुक्ला जी से मिलना भी छोड़ दिया। शुक्ला जी बुलाते तो मैं बहाना करके कुछ भी बता देता किंतु उनके पास नहीं जाता।
होली की अगली सुबह थी मैं रंग से थोड़ा दूर ही रहता हूं। इसलिए मैं दोपहर तक घर में ही पड़ा रहा। 3 बजे के करीब शुक्ला जी का मेरे पास फोन आया। शुक्ला जी ने कहा जीजा जी होली नहीं मिलने आना है। मैंने कहा भाई रंग काफी चल रहा है। इसलिए मैं नहीं आ पाऊंगा। शुक्ला जी फोन पर ही काफी देर तक जिद पर अड़े रहे।
मुझे मजबूर होकर शुक्ला जी के पास जाना पड़ा। मैं जब उनके पास पहुंचा तो शुक्ला जी के चार दोस्त और भी पहले से ही बैठे थे। जो काफी नशे में थे। अभी भी शराब की पार्टी चल रही थी। मैं गया तो शुक्ला जी ने कहा जीजा जी आज बियर तो मिलेगी नहीं इसलिए यह अच्छी वाली शराब है। इसे पी लीजिए। मैंने कहा नहीं भाई मैं बीयर तो कभी कभार पी लेता हूं लेकिन इस शराब को हाथ भी नहीं लगाऊंगा। थोड़ी देर तक मैं बैठा रहा वह सभी लोग शराब के नशे में पूरी तरह से मस्त थे।
जब शुक्ला जी और उनके चारों दोस्त पूरी तरह से नशे में झूमने लगे तो उन लोगों ने मुझ पर भी शराब पीने के लिए जोर डालना शुरू किया। मैं बहुत देर तक मना करता रहा लेकिन उन लोगों के आगे मेरी एक भी नहीं चली। आखिरकार मुझे उस दिन शराब को भी पीना ही पड़ा।
इसके बाद अब शुक्ला जी जब भी मिल जाते तो शराब की पार्टियां होने लगी। मुझे भी शराब का मजा आने लगा था। मैं जब भी शराब पीकर घर आता तो खूब लड़ाई होती। पत्नी गुस्से में 2 दिन तक खाना नहीं खाती। मुझे भी शराब पीने से एलर्जी थी। मैं जब भी शराब पीता तो मेरे शरीर में अगले दिन चकत्ते से निकल आते थे। लेकिन जब सब मिल जाते थे तब मैं यह सब बातें भूल जाता था और उन लोगों में मिलकर फिर वही गलती कर बैठता था।
घर आता सब बच्चे और पत्नी सभी नाराज होते हैं। एक दिन तो हद ही हो गई बच्चों ने भी समझाना शुरू कर दिया। 3 साल का बच्चा मुझे समझा रहा था। नशे में तो मैं कुछ नहीं समझ पाया लेकिन बाद में मुझे इस बात का एहसास हुआ। पत्नी बहुत ही ज्यादा दुखी रहती थी। परिवार वाले मम्मी और बड़े भैया सहित सभी लोग शराब से सख्त नफरत करते थे। इसलिए जब उन लोगों को पता चला तो उन लोगों ने भी मेरी जमकर क्लास ली।
30 साल से ज्यादा मेरी उम्र है लेकिन इसके बावजूद भी मुझे उन सभी लोगों के सामने सर झुका कर बैठना पड़ा। मैं जवाब नहीं दे पा रहा था। छोटे वाले भाई भी मुझे ज्ञान दे रहे थे। मैं बहुत शर्मिंदा था। मैंने सोचा कि आज के बाद इस शराब की गंदगी को अपने जीवन से निकाल कर फेंक दूंगा। मैंने खुद से प्रण किया था कि मैं अब ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे परिवार वालों को या फिर मेरी पत्नी को किसी तरह की आपत्ति हो। शराब के नशे में मैं कई बार पत्नी से झूठ भी बोल चुका था। कई बार कसमें भी खा चुका था लेकिन जब शराब पीने का समय आता तो मैं सब कुछ भूल जाता था।
उस दिन जब घर वालों ने सभी छोटे और बड़ों ने समझाया तो मैंने प्रण कर लिया था कि मैं अब शराब को पीना तो दूर छू भी नहीं सकता। मैंने 1 महीने तक शराब को हाथ तक नहीं लगाया। पत्नी, बच्चे और परिवार के सभी लोग बहुत ही खुश थे। मैं भी अपने पर गर्व कर रहा था। मैंने सुना था कि लोग शराब का नशा करने के बाद छोड़ नहीं पाते। मैंने 1 महीने तक शराब को छुआ तक नहीं था तो खुद पर गर्व होना लाजमी था।
एक दिन फिर मेरी जिंदगी का बुरा दिन आया। मुझे पास में ही एक पार्टी में जाना था। जहां मेरे सारे रिश्तेदार भी शामिल थे। मैं अपनी पत्नी के साथ धूमधाम से गया। काफी अच्छे कपड़े और गाड़ी सब कुछ परफेक्ट था लेकिन मुझे भी नहीं पता था कि आगे जो होने वाला है वो मेरे लिए सबसे बड़ी मिस्टेक होने वाली है। मेरे जितने भी रिश्तेदार थे मुझे बहुत ही सम्मान देते थे क्योंकि वह सभी जानते थे कि मैं ही एक अकेला ऐसा हूं जो शराब और किसी तरह का नशा नहीं करता। इसलिए मेरी बात का महत्व भी बहुत ज्यादा रहता था।
उस दिन सभी रिश्तेदार आए मैं भी बैठा था बातें होती रही लेकिन फिर मैं 2 लोगों के जाल में फंस गया। हालांकि वह भी मेरे रिश्तेदार ही थे। मैं उनके साथ चला गया। पहले तो काफी देर बैठकर बातें होती रहीं इसके बाद फिर शराब पीने की बातें होने लगी। मैंने कहा नहीं सभी लोग यहां मौजूद हैं। इसलिए मैं शराब नहीं पीऊँगा और मैं घर के सभी सदस्यों से वादा भी कर चुका हूं कि मैं अब शराब नहीं पी सकता। इसलिए मैं शराब नहीं पीऊँगाआप लोगों को पीनी है तो पी लीजिए।
उन दोनों लोगों ने शराब मंगवाई हालांकि पैसे मैंने ही दिए थे और वह दोनों लोग शराब को गटकने लगे। जब उन दोनों लोगों को काफी नशा हो गया तब उन लोगों ने मुझ पर भी शराब पीने के लिए प्रेशर डालना शुरू कर दिया। मैंने काफी मना किया लेकिन काफी देर से वह सभी शराब पी रहे थे। इसलिए मेरे मन में भी इच्छा जागृत हो रही थी। उन लोगों के ज्यादा कहने पर मैंने भी शराब को पीना शुरू कर दिया।
इसके बाद हम लोग पार्टी में गए यहां सभी रिश्तेदार एकत्रित हुए थे। हम तीनों लोगों ने नशे की हालत में जमकर वहां तांडव काटना शुरू कर दिया। इस हालत में देखकर मेरे जितने भी रिश्तेदार थे वह सभी हैरान थे क्योंकि वह जानते थे कि मैं शराब को छूता तक नहीं हूं। उस दिन मेरी हालत देखकर सभी मेरी पत्नी से पूछते कि आज लग रहा है आपके पतिदेव शराब के नशे में हैं। पत्नी ने काफी सफाई दी किंतु मैंने उसकी पूरी सफाई पर पानी फेर दिया। ज्यादा शराब पीने के कारण मुझे 2-3 उल्टियां भी हो गए। मेरी पत्नी गुस्से में आग बबूला हो गई थी। उसने आधी पार्टी से ही मुझे घर चलने के लिए कहा। मैं मजबूर था नशे में भी काफी था। मैंने वहां से निकलना ही उचित समझा।
मैं वहां से निकल आया। किसी तरह गाड़ी चला कर घर पहुंचा। उस रात में सो गया था लेकिन सुबह जब मैं जागा तो परिवार के सभी लोग एकत्रित थे। फिर मुझे एक बार इतना जलील किया गया कि मैं उनके सामने सर ऊंचा नहीं कर सकता था। मैं सबकी बातें सुनता रहा क्योंकि मेरे परिवार में शराब को पीना किसी गुनाह को करना जैसा था। इसलिए मैं सब कुछ सुनता रहा और मैंने खुद से वादा किया कि आज के बाद अब मैं कभी भी शराब को हाथ तक नहीं लगाऊंगा। हालांकि मैं पूरी कोशिश करूंगा और ईश्वर से प्रार्थना भी करूंगा कि मुझे इस बला से दूर रखें। आगे जिंदगी में क्या होता है इसका तो नहीं पता मगर यह मुझे पता है कि यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी मिस्टेक थी और इस गलती को वास्तव में माफ करने योग्य नहीं था। मैंने पत्नी को किसी तरह एक बार फिर विश्वास करने के लिए कहा पत्नी ने बहुत कहने पर कहा ठीक है एक बार और मैं आपका विश्वास करती हूं। अब मैं अपनी पत्नी के विश्वास पर कितना खरा उतरता हूं यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल मैंने अब शराब को अलविदा कह दिया है। मगर पूरी जिंदगी मुझे इस गलती का एहसास रहेगा।
Umashanker Tyagi
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