ऐसा वक्त आ गया है किसी का भला करना भी जुर्म हो गया है।
तुच्छ इच्छओं के लालच में मन और धन का सौदा के लिए तैयार हो गया है।
उन ऊंची मीनारों की जमीं तले अब मानवीय संवेदनाओं का दफन हो गया है।
आज इंसान रफ्तार की दोंड़ं में इस जीव जगत में सबसे हिंसक हो गया है।
अब खुद के आशियाना में डर का माहौल है की यहाँ अद्रश्य दानव आ गया है।
उस राह की तलाश में हम हरदम अब अपने ही बनाया भयंकर जाल में वो फंस गया है।
आदमी ही आदमी से सख्त नफरत करने लगा इसलिए अपनापन जाने कहां अब खो गया है।
अपने ही अपनों के बीच नफरत बीज बोने लगे गैर तो दूर हैं भाई भाई से दूर होने लगे हैं।
चंद पैसों के खातिर इंसान ईमान बेचने लगा अगर लाखों नजर आए निर्दोषों का गला रेत में लगा है।
मन में काफी ख्वाब लेकर मैं गया था दोस्त के पास दोस्त ने ही वह कर दिखाया जो दुश्मन कभी करते नहीं हैं।
जातिवाद भेदभाव अब भी कम होता नहीं इसलिए इंसानियत का नाम भी मिटने लगा है।
एक जमाना था ऐसा भगवान गुरु को मानते थे अब जमाना ऐसा आया दुश्मन गुरु को मानने लगे हैं।
पैसा इतना कीमती कि इंसान अब कुछ भी नहीं अपना बेगाना भूल कर पैसो के पीछे दौड़ने लगे हैं।
एक समय ऐसा भी था जब बाप को आता देखकर बेटे डरते थे अब जमाना ऐसा आया बेटे को देखकर बाप ही डरने लगा है।
सच बोलना सबसे बड़ा गुनाह बन गया है झूठ बोलने वालों का जलवा निखर रहा है।
एक समय ऐसा था इज्जत की खातिर जान देते थे लोग अब समय ऐसा आया इज्जत को ही बेचने लगे हैं।
माना कि दुनिया में पैसा सब कुछ होता है लेकिन ऐसा भी है पैसे वाला ही तनहा होकर रोता है।
लोग सपने पूरा करने परदेश जाते हैं हौसले से लेकिन इंसान ही इंसान के सपनों को ही कुचल देता है।
आवेश वर्मा, जालौन, उत्तर प्रदेश
यदि आपके पास हिंदी में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ईमेल आई डी है: [email protected]. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ प्रकाशित करेंगे. धन्यवाद!
where to buy viagra viagra cost per pill
viagra without a doctor prescription
buy viagra online usa where can i buy viagra over the counter
viagra from canada
buy real viagra online price of viagra
buy real viagra online